अब अदालतों में सुनवाई नहीं होगी
तुम्हारी हमारी जग-हसाई नहीं होगी
तुम्हारे नक़ाब न हम हटाएँगे, बोलो
हमारे रास्तों की भी सफाई नहीं होगी
बेहिचक पूरी हवस के साथ तुम लूटो
इस नेक काम के लिए कारवाई नहीं होगी
नंगे भूखों का इस दुनिया में क्या काम
अमीरों की ज़रुरत में कटाई नहीं होगी
फूंक दो लाशें ही तो हैं इन्हे क्या देना
ज़मीन के टुकड़ेे की भरपाई नहीं होगी
बाज़ार खुला हथियारों का बन्दूक बोओ
जो मिट्टी मर गयी तो बुआई नहीं होगी
ईमान के काम से अब बरक़त कहाँ
जुर्म करो, भले खुले में बड़ाई नहीं होगी
क्या खूब मक़ाम पे तुम पहुँचे 'शादाब'
इस अंजुमन में कोई रुस्वाई नहीं होगी !
तुम्हारी हमारी जग-हसाई नहीं होगी
तुम्हारे नक़ाब न हम हटाएँगे, बोलो
हमारे रास्तों की भी सफाई नहीं होगी
बेहिचक पूरी हवस के साथ तुम लूटो
इस नेक काम के लिए कारवाई नहीं होगी
नंगे भूखों का इस दुनिया में क्या काम
अमीरों की ज़रुरत में कटाई नहीं होगी
फूंक दो लाशें ही तो हैं इन्हे क्या देना
ज़मीन के टुकड़ेे की भरपाई नहीं होगी
बाज़ार खुला हथियारों का बन्दूक बोओ
जो मिट्टी मर गयी तो बुआई नहीं होगी
ईमान के काम से अब बरक़त कहाँ
जुर्म करो, भले खुले में बड़ाई नहीं होगी
क्या खूब मक़ाम पे तुम पहुँचे 'शादाब'
इस अंजुमन में कोई रुस्वाई नहीं होगी !