हर बार लौट कर तेरी पहलू में आना होता है
बंजारे की भी ख्वाहिश कोई ठिकाना होता है।।
ख़ुशी का रास्ता गम बेहिचक बताते हैं
उन्हें पता है, फिर लौट कर सबको आना होता है
सबकी ज़िन्दगी हादसों की फेहरिस्त है
इससे किसी को थोड़े ही रुक जाना होता है
किसी को क़ामयाबी ऐसे ही नहीं मिलती
कितने ही बार खुद को आज़माना होता है।।
ग़ज़ल यूँ ही ज़हन में कब उतरती है "शादाब"
दिल ओ दिमाग को रूह में समाना होता है।।
~पंकज कुमार "शादाब"
बंजारे की भी ख्वाहिश कोई ठिकाना होता है।।
ख़ुशी का रास्ता गम बेहिचक बताते हैं
उन्हें पता है, फिर लौट कर सबको आना होता है
सबकी ज़िन्दगी हादसों की फेहरिस्त है
इससे किसी को थोड़े ही रुक जाना होता है
किसी को क़ामयाबी ऐसे ही नहीं मिलती
कितने ही बार खुद को आज़माना होता है।।
ग़ज़ल यूँ ही ज़हन में कब उतरती है "शादाब"
दिल ओ दिमाग को रूह में समाना होता है।।
~पंकज कुमार "शादाब"
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