फूलों के संग अगर जो काटें न होते,
तो उन्हें तोड़ने में उतना मज़ा न आता
हँसी के साथ अगर जो थोड़े आँसू न होते,
हँसी के साथ अगर जो थोड़े आँसू न होते,
तो जीने में उतना मज़ा न आता!
नज़र मिला कर जो उन्होंने पलके न झुकाये होते,
तो नज़र मिलाने में उतना मज़ा न आता
रूठने पर अगर जो वो आसानी से मान गए होते,
रूठने पर अगर जो वो आसानी से मान गए होते,
तो उन्हें मनाने में उतना मज़ा न आता!
वो अगर जो बताये समय पर हीं आ जाते,
तो उनसे मिलने में उतना मज़ा न आता
हर बात पर अगर जो वो मान जाते,
हर बात पर अगर जो वो मान जाते,
तो उनसे बात करने में उतना मज़ा न आता!
सफ़र में अगर जो कुछ लोग बिछुड़े न होते,
तो किसी के साथ होने में उतना मज़ा न आता
ज़िन्दगी की राहें अगर जो बिन भटकाये मंजिल मिला देतीं,
ज़िन्दगी की राहें अगर जो बिन भटकाये मंजिल मिला देतीं,
तो उनपे चलने में उतना मज़ा न आता!
तो उन्हें भुलाने में उतना मज़ा न आता
मेरे सपनो को वो अगर जो अपनी जागीर न बनाये होते,
तो हर रोज सोने में उतना मज़ा न आता!
हँसी के साथ अगर जो थोड़े आँसू न होते,
तो जीने में उतना मज़ा न आता!
2 comments:
Kafi achi rachana h bhai Pankaj.....
ज़िन्दगी की राहें अगर जो बिन भटकाये मंजिल मिला देतीं,
तो उनपे चलने में उतना मज़ा न आता!
बहुत ख़ूबसूरत II
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