वो चंचल है
वो बुलबुल है
कमाल की चाल
वो हिरनी है
वो अपने में मस्त
मस्तानी मौज़ है
तारों जैसे टिमटिमाती
घास पर जमी ओस है
वो पूस में निकली
सुहानी धुप है
इतनी सिद्दत से तराशी गयी
एक मात्र रूप है
वो प्रेमी की चिट्ठी में बसी आस है
चिट्ठी पढ़ती प्रेमिका की मुस्कान है
बादलों की गोद से निकली
गतिमान बूँद है
प्यासी धरती की
बची हुई आस है
रोते बच्चे की इंतज़ार है
माँ की ममता का अहसास है
दूर से सुने पहाड़ों तक पहुँची
हवा का ऐतबार है
संग में लाये खुशबू की सौगात है
वो तन्हाई में साथ रहती
तसव्वुर में ही हरदम मिलती
हकीकत न सही, मगर
वो एक रूहानी सुकून है !
वो बुलबुल है
कमाल की चाल
वो हिरनी है
वो अपने में मस्त
मस्तानी मौज़ है
तारों जैसे टिमटिमाती
घास पर जमी ओस है
वो पूस में निकली
सुहानी धुप है
इतनी सिद्दत से तराशी गयी
एक मात्र रूप है
वो प्रेमी की चिट्ठी में बसी आस है
चिट्ठी पढ़ती प्रेमिका की मुस्कान है
बादलों की गोद से निकली
गतिमान बूँद है
प्यासी धरती की
बची हुई आस है
रोते बच्चे की इंतज़ार है
माँ की ममता का अहसास है
दूर से सुने पहाड़ों तक पहुँची
हवा का ऐतबार है
संग में लाये खुशबू की सौगात है
वो तन्हाई में साथ रहती
तसव्वुर में ही हरदम मिलती
हकीकत न सही, मगर
वो एक रूहानी सुकून है !
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