एक हँसी के साथ शुरू हुई
वो घटना
दो चार और हँसे
देखते ही देखते
हँसी का संक्रमण ऐसा हुआ
सभी हँसने लगे
पूरा क़स्बा
फिर शहर
सारा मुल्क
सारी दुनिया
बिना जाने-समझे सभी हँस रहे थे
मानो कारण जानने की जरूरत हो ही नहीं
हँसी, हवाओं के साथ
खुशबू की तरह
सब जगह समा गयी
कहते हैं इसी हाल में
वो दुनिया कहीं खो गयी
अनंत ब्रह्मांड में
हालाँकि ऐसे में
कुछ कहने सुनने की जरूरत ही क्या रह गयी
इससे बेहतर अंजाम हो भी क्या सकता था
किसी दुनिया के वजूद का !
(आक़िबत - end/conclusion/future life)
वो घटना
दो चार और हँसे
देखते ही देखते
हँसी का संक्रमण ऐसा हुआ
सभी हँसने लगे
पूरा क़स्बा
फिर शहर
सारा मुल्क
सारी दुनिया
बिना जाने-समझे सभी हँस रहे थे
मानो कारण जानने की जरूरत हो ही नहीं
हँसी, हवाओं के साथ
खुशबू की तरह
सब जगह समा गयी
कहते हैं इसी हाल में
वो दुनिया कहीं खो गयी
अनंत ब्रह्मांड में
हालाँकि ऐसे में
कुछ कहने सुनने की जरूरत ही क्या रह गयी
इससे बेहतर अंजाम हो भी क्या सकता था
किसी दुनिया के वजूद का !
(आक़िबत - end/conclusion/future life)