बंद कलम खाली कागज़ हिसाब जारी है
दर्द बयाँ करने को अब जख्म भी उधारी है
वो वारदात उसने भी देखा अपनी आँखों से
चुप है बस इसलिए कि उनसे रिश्तेदारी है
कब तलक गवाही देंगे मुर्दे कत्लेआम की
उन छीटों के ऊपर तो धोती कुर्ता सफारी है
किसके धड़ पर किसका सर ज़बाँ किसकी है
कफ़न बनेगा किस रंग का किसकी जिम्मेदारी है
अलग से कब्रें क्यूँ बनाना भटकने दो खुले में
कैद में मरनेवालों का क्या दिखना भी भारी है
उड़ते परिन्दे भी हैं खौफजदा ज़मीनी बर्बादी से
दौड़नेवाले पैर कटा चुके रेंगनेवालों की बारी है
दर्द बयाँ करने को अब जख्म भी उधारी है
वो वारदात उसने भी देखा अपनी आँखों से
चुप है बस इसलिए कि उनसे रिश्तेदारी है
कब तलक गवाही देंगे मुर्दे कत्लेआम की
उन छीटों के ऊपर तो धोती कुर्ता सफारी है
किसके धड़ पर किसका सर ज़बाँ किसकी है
कफ़न बनेगा किस रंग का किसकी जिम्मेदारी है
अलग से कब्रें क्यूँ बनाना भटकने दो खुले में
कैद में मरनेवालों का क्या दिखना भी भारी है
उड़ते परिन्दे भी हैं खौफजदा ज़मीनी बर्बादी से
दौड़नेवाले पैर कटा चुके रेंगनेवालों की बारी है
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