Sunday, April 21, 2013

ख़ामोशी अच्छी है!



ये ख़ामोशी अच्छी है, लेकिन
ध्यान रहे कि ये सन्नाटे में तब्दील हो जाये
जहां हर आहट पे रूह काँप उठे
पहचानी आवाज़ पे भी दिल घबरा जाये!

ये प्रशांति अच्छी है, लेकिन
ध्यान रहे कि ये वीराने में तब्दील हो जाये
जहां जानवर भी आने से डरे
पक्षी अपना घोसला भी बनाये!

ये सादगी अच्छी है, लेकिन
ध्यान रहे कि ये गुमनामी में तब्दील हो जाये
जहां चहरे की कोई पहचान हो
नाहीं मदद के लिए कोई हाथ बढ़ाये!

ये नर्म-मिजाजी अच्छी है, लेकिन
ध्यान रहे कि ये शिथिलता में तब्दील हो जाये
जहां दुसरो के साथ खुद की भी पीड़ा का अहसास ना हो
भड़क रही आग में पानी डालना भी दुस्वार हो जाये!

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