Thursday, December 4, 2014

संसद में अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्स "चिल्लाना" का सफल परिक्षण

ठंढी का मौसम है
मगर अबके बिजली की ज़रुरत नहीं
कोयला जहां है वही है 
बिजली तार में लापता है
संसद से पैगाम आया है
सब चिल्ला चिल्ला कर गर्मी पैदा करें
जब नहाना हो
गीजर चलाने के बजाये चिल्लाएं
और फिर नहाएं !
जब कपड़े प्रेस करने हो
कपड़े बिछाकर चिल्लाएं
फिर कपड़ों पे हथेली चलायें !
जब अँधेरे में देखना हो
आँख खोल कर चिल्लायें
और अँधेरा दूर भगाएं ! 

एक सांसद का कहना है
फॉसिल फ्यूल पे निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाये गयें थे
सभी देशों में इसपे काम चल रहा था
उसी कड़ी में अपने संसद भवन और राज्य भवन में भी बहस (रिसर्च)  हुई
जिसके फलस्वरूप इस नए अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्स "चिल्लाना" का पता चल सका
सभी संसद अपनी सफलता पे गौरान्वित हैं
एक दूजे को बधाई दे रहे हैं -चिल्लाते हुए
संसद/राज्य भवन में बिजली की तारे उतारी जा रही हैं
एक सांसद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा - ये सबसे टिकाऊ और सस्ता अल्टरनेटिव रिसोर्स है
सभी देशवासिओं को भरोसे में लेने के लिए
सरकार संसद में हुए इस सफल परिक्षण का वीडियो ज़ारी कर दी है

दुसरे सांसद से जब यह पूछा गया कि
राजस्व पे इसका असर पड़ेगा
तो उनका कहना है
- इस बारे में विचार हो रहा है,
कमेटी गठित कर दी  गयी है
उसके रिपोर्ट के अनुसार काम होगा और
चिल्लाहट नापी मशीन हर घर में इनस्टॉल कर दी जाएगी !
इससे अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होने को ले कर
सांसदजी ऑप्टिमिस्टिक हैं !
उन्हें केवल एक बात की दुख है
कि इसकी खोज अगर गर्मी में हो गयी होती तो
गर्मी काटने में बहुत सुविधा होती
चलो कोई नहीं …
गर्मी तो फिर आएगी !

चिल्लाने के नफे नुकसान के  बारे में जब उनसे पूछा गया तो
उनका कहना है
- इसके बारे में उन्होंने डॉक्टरों की सलाह ले ली है
चिल्लाने से वेट लॉस होता है
इसलिए जो जीम जाते हैं वे घर पे ही चिल्ला लिया करें
और घर में अगर अधिक मोटे लोग हों 
तो किसी गरीब के घर में जा के चिल्ला दिया करें!

सरकार इसे रोज़गार की समस्या का हल के तौर पे भी देख रही है 

इस खोज़ ने पूरे देश में एक नया जोश भर दिया है 
सारी जनता उत्साहित दिखाई देने लगी है
घर घर में बच्चे चिल्ला चिल्ला कर पढ़ने लगें हैं
बाथरूम गायकों की चाँदी हो गयी है
उनके चिल्ला के गाने पे अब किसी को कोई ऐतराज़ नहीं 

सभी मान रहे हैं उनका वोट बेकार नहीं गया
बिलकुल सही सांसद चुने हैं
और शहरों में रैलियां निकाली जा रही हैं
जिनमें नारा है -
"आओ चिल्लायें.... 
हाँ मिलजुल कर चिल्लायें.... 
तुम क्या सोच रहे हो पगले
तुम भी चिल्लाओ ....
हम भी चिल्लाएं
देश बचाएँ
आओ चिल्लायें..."

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