हमें ज़ख्म का पता नहीं, दर्द अपना कभी जाना नहीं
और वो मरहम की नुमाईश कर मशहूर हुए जा रहे हैं

सबको भरपेट खाना मिल ही रहा है
देश की संप्रभुता पूरी तरह सुरक्षित है ही
संसद में सब खुश है
हरेक मुद्दे को पूरा विमर्श करके निपटा दिया गया है
और अब बाकी कुछ नहीं रहा!
हाँ बना दो भागवद गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ
ताकि जब कोई मस्जिद में नमाज़ अदा करने जाये
तो साथ रखे गीता, अपने माथे से लगा कर झुके
ताकि राष्ट्र का सम्मान हो सके और धर्मनिरपेक्ष बना रहे !
और जब कोई चर्च में प्रेयर करने जाये
तो पॉकेट में रखे गीता पॉकेट एडिशन वाला
ताकि कैंडल जलाते वक़्त भी उसे याद रहे
कि वो एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट में शरण लिए हुए है !
जब आतंकवादियों से मुठभेड़ हो
तो सेना गीता का कवच पहन कर लड़े
मजाल है कि एक भी गोली भेद कर जाये !
जब चीनी सिपाही देश में अतिक्रमण करें
तो भारतीय सेना साथ ले चले अपना राष्ट्रिय ग्रन्थ
पूजा अर्चना करें फिर बन्दूक उठाये
ताकि राष्ट्र का अपनमान न हो और हम धर्म निरपेक्ष देश बने रहे !
जब कोई पेड़ पे मज़बूर हो कर झूलना चाहे
तो भी साथ रखे गीता
ताकि पता चल सके कि भूखे होने का अपराधी इसी राष्ट्र का था
और उसपे करवाई हो सके, कमिटी बन सके
कि यूँ खुले में प्राण त्यागने वाले ने बिना परमिशन कूच क्यूँ किया !
और जब दुनिया का सबसे महँगे से महँगा घर की तामीर हो
तो उसका शिलान्यास के वक़्त पढ़ा जाए गीता
ताकि पता चल सके इस राष्ट्र के महलों में भी लोग
राष्ट्र से जुड़े हुए हैं और धर्म निरपेक्ष है !
हाँ कर दो जो अब तक न हुआ
जो अनंत काल का ऋण अबके आपके कंधे पे आया है
जो सवा सौ करोड़ लोगों की मूलभूत ज़रुरत है
उसकी अदायगी आप समय रहते कर दो
कौन जाने कल हो न हो !
ऊपर जवाब तलब हो गया तो !
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